क्या कोई जानता है एवरेस्ट की असली उंचाई?

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This handout photo taken on May 22, 2019 and released by climber Nirmal Purja's Project Possible expedition shows heavy traffic of mountain climbers lining up to stand at the summit of Mount Everest.

एवरेस्ट की उंचाई पर मची रार 

हमने बहुत पहले यह अपनी किताबों में यह पढा था कि एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम है ।इसकी उंचाई भी हमने कई बार परीक्षा में लिखने या जनरल नॉलेज की हाजिर जवाबी के लिए भी रट लिया था ।जैसे ही किसी के मुंह से एवरेस्ट की कुल ऊंचाई सुनते थे, हमारा खुद का ज्ञान तपाक से कहता था, जी हां 8848 ।सुनने वाला खुश और सुनाने वाला भी खुश हो जाता था लेकिन आज ऐसा नही है ।आज किसी को यह नही पता कि इतने साल गुजरने के बाद आखिरकार वास्तव में दुनिया की नंबर एक चोटी कही जाने वाली चोटी एवरेस्ट की ऊंचाई कितनी

एवरेस्ट की उंचाई तब से अब तक 

पहली बार एवरेस्ट की उंचाई मापने का कार्य 1952 में किया गया था ।यह कार्य यद्यपि भारत के पूर्व महासरवेक्षक सर जार्ज एवरेस्ट की निगरानी में हुआ था लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि यह कार्य वास्तव में एक भारतीय युवा गणितज्ञ राधा नाथ सिकदार ने किया था ।मानव कम्प्यूटर भी राधा नाथ को कहा जाता था क्यों कि उनकी गणित की गणना बेमिसाल थी ।एक और खास बात जानना जरूरी है कि उस समय एवरेस्ट का नाम एवरेस्ट नही था ।तब इसका नाम XV चोटी था ।इस प्रकार जब एक्स वी चोटी की उंचाई नापने का काम 1856 में पूरा हुआ तो इसका नाम एवरेस्ट और इसकी कुल उंचाई 29002 फीट घोषित की गई ।

नेपाल में सागर माथा के नाम से जाने जानी वाली एवरेस्ट का कुछ हिस्सा तिब्बत यानी अधिकृत चीन मे भी पड़ता है ।याद रहे 1856 के बाद सन 1950 में एवरेस्ट की उंचाई नापने का दोबारा काम हुआ और तब इसकी ऊंचाई 29029 फीट बताई गई और तभी इसे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी घोषित किया गया था ।

सन् 2005 में चीनी अधिकारियों ने इस चोटी को एक बार फिर से मापा तो बवाल मच गया नेपाली और चीनी अधिकारी चूकि एक दूसरे से सहमत नही थे बवाल इसी लिए मच गया था ।हालांकि बाद में चीनी अधिकारी इसे 29017 फीट घोषित करवाने में कामयाब रहे थे ।बाद मे पता चला कि एवरेस्ट की यह माप तिब्बत की तरफ से तो ठीक है लेकिन नेपाल की तरफ से कम है ।बाद में नेपाली मत को वरीयत प्राप्त हुई ।

एवरेस्ट और नया मसला 

एवरेस्ट को लेकर काफी समय से चल रहा सब कुछ ठीक ठाक मामला अचानक तब गड़बड़ हो गया जब दो हजार पन्द्रह में भूकंप की त्रासदी घटित हुई ।इसके बाद कुछ भूवैज्ञानिक यह मानने लगे कि एवरेस्ट की उंचाई कम हुई है तो कुछ भूवैज्ञानिक यह मानने लगे कि भारतीय भू प्लेट खिसकने की वजह से इसकी इसकी उंचाई बढी है क्योंकि कि काठमांडू घाटी 80 सेमी तक उठ गई है ।साथ ही कुछ विचार इस तरह के भी हैं कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से चूंकि बर्फ पिघल रही है इसलिए भी सागर माथा थोड़ा झुका है ।आप को बता दें कि जो उंचाई हम जानते हैं 8848 मीटर वह भारतीय भूवैज्ञानिको की देन है जिसे मान्यताप्राप्त है एवरेस्ट की उंचाई के तौर पर जिसे खुद चीन ने 1975 में मान्यताप्राप्

11 COMMENTS

  1. बहुत ही दिलचस्प जानकारी है | एवरेस्ट के बारे में पुरा विश्व जानता है परन्तु आपके द्वारा दी गई जानकारी को 0.00001 प्रतिशत लोग भी नहीं जानते | धन्यवाद मेरे ज्ञानकोष की वृद्धि के लिए |